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भेंट / कुमार सुरेश

2 bytes added, 07:34, 15 फ़रवरी 2010
 
== भेंट
<poem>वह सुबह पाच पाँच बजे उठाकर
मार्निंग वाक पर जाती है
मुझे अच्छ लगता है