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आग का अर्थ / विष्णु प्रभाकर

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हम सिद्धहस्त आत्मगोपन में
हम प्रतिपल भजते
रघुपति राघव राजा रामहोते हैं जिसके अर्थचोरी हिंसा तेरे नाम
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