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"करूँ न याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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करूँ न याद अगर किस तरह भुलाऊँ उसे <br>
 
करूँ न याद अगर किस तरह भुलाऊँ उसे <br>
ग़ज़ल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे <br><br>
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ग़ज़ल<ref>उर्दू की एक काव्य विधा
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</ref> बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे <br><br>
  
वो ख़ार-ख़ार है शाख़-ए-गुलाब की मानिन्द <br>
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वो ख़ार-ख़ार<ref>कँटीला</ref> है शाख़-ए-गुलाब<ref>गुलाब की टहनी
मैं ज़ख़्म-ज़ख़्म हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसे <br><br>
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</ref> की मानिन्द<ref>भाँति
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मैं ज़ख़्म-ज़ख़्म<ref>घावों से भरा हुआ
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</ref> हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसे <br><br>
  
ये लोग तज़करे करते हैं अपने लोगों से <br>
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ये लोग तज़्क़िरे
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मैं कैसे बात करूँ और कहाँ से लाऊँ उसे <br><br>
 
मैं कैसे बात करूँ और कहाँ से लाऊँ उसे <br><br>
  
मगर वो ज़ूदफ़रामोश ज़ूद रंज भी है <br>
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मगर वो ज़ूदफ़रामोश<ref>भुलक्कड़
के रूठ जाये अगर याद कुछ दिलाऊँ उसे <br><br>
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बुरा मान
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जाने वाला</ref> भी है <br>
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कि रूठ जाये अगर याद कुछ दिलाऊँ उसे <br><br>
  
वही जो दौलत-ए-दिल है वही जो राहत-ए-जाँ <br>
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वही जो दौलत-ए-दिल<ref>दिल की पूँजी</ref> है वही जो राहत-ए-जाँ<ref>जीवन का सुख
तुम्हारी बात पे ऐ नासिहो गँवाऊँ उसे <br><br>
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</ref> <br>
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तुम्हारी बात पे ऐ नासिहो<ref>उपदेशको
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</ref> गँवाऊँ उसे <br><br>
  
जो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है "फ़राज़" <br>
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जो हमसफ़र<ref>सहयात्री</ref> सर-ए-मंज़िल<ref>गंतव्य
अजब नहीं कि अगर याद भी न आऊँ उसे <br><br>
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स्थल पर
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</ref> बिछड़ रहा है "फ़राज़" <br>
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अजब<ref>अचंभा
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</ref> नहीं कि अगर याद भी न आऊँ उसे <br><br>
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{{KKMeaning}}

09:50, 13 जुलाई 2009 का अवतरण


करूँ न याद अगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़ज़ल<ref>उर्दू की एक काव्य विधा </ref> बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे

वो ख़ार-ख़ार<ref>कँटीला</ref> है शाख़-ए-गुलाब<ref>गुलाब की टहनी </ref> की मानिन्द<ref>भाँति </ref>
मैं ज़ख़्म-ज़ख़्म<ref>घावों से भरा हुआ </ref> हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसे

ये लोग तज़्क़िरे <ref>चर्चाएँ </ref> करते हैं अपने लोगों के


मैं कैसे बात करूँ और कहाँ से लाऊँ उसे

मगर वो ज़ूदफ़रामोश<ref>भुलक्कड़ </ref> ज़ूद-रंज<ref>शीघ्र

बुरा मान
जाने वाला</ref> भी है 

कि रूठ जाये अगर याद कुछ दिलाऊँ उसे

वही जो दौलत-ए-दिल<ref>दिल की पूँजी</ref> है वही जो राहत-ए-जाँ<ref>जीवन का सुख </ref>
तुम्हारी बात पे ऐ नासिहो<ref>उपदेशको </ref> गँवाऊँ उसे

जो हमसफ़र<ref>सहयात्री</ref> सर-ए-मंज़िल<ref>गंतव्य

स्थल पर

</ref> बिछड़ रहा है "फ़राज़"
अजब<ref>अचंभा </ref> नहीं कि अगर याद भी न आऊँ उसे

शब्दार्थ
<references/>