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सन्नाटा / कैलाश गौतम

7 bytes added, 08:21, 4 जनवरी 2011
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कलरव घर में नहीं रहा सन्नाटा पसरा है
सुबह-सुबह ही सूरज का मुँह उतरा-उतरा है ।
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