भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रतिबद्ध / भरत ओला" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भरत ओला |संग्रह=सरहद के आर पार / भरत ओला}} {{KKCatKavita‎}} <Po…)
 
 
पंक्ति 18: पंक्ति 18:
 
बढ़िया है
 
बढ़िया है
 
गंदा होने से पहले
 
गंदा होने से पहले
 
+
मर जाना
 
</Poem>
 
</Poem>

12:52, 5 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण


जब मैं
फूल को तोड़ना चाहता हूं
वह छिटक कर
दूर जा गिरता है

गुदगुदी घास पर
चुपके से
दो बूंद छोड़ देती है टहनी
मेरे प्रश्न के उत्तर के लिए

बढ़िया है
गंदा होने से पहले
मर जाना