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"गूँगे प्रश्न हुए / रमेश चंद्र पंत" के अवतरणों में अंतर

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घायल हुए उसूल
 
घायल हुए उसूल
  
कत्लगाह में
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यहाँ रोज़ ही
 
यहाँ रोज़ ही
 
जमकर जश्न हुए !
 
जमकर जश्न हुए !

16:30, 11 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

उत्तर कहाँ तलाशें
लगता वे ही प्रश्न हुए !

फूलों की
मोहक बस्ती में
प्रस्तुत हुए बबूल
रंग-गंध की
भाषाओं के
घायल हुए उसूल

क़त्लगाह में
यहाँ रोज़ ही
जमकर जश्न हुए !

ना जाने
खो गए कहाँ वे
दूध-धुले एहसास
गुलमोहर की
शामें अक्सर
मिलतीं बहुत उदास

क्या-कुछ सुनें-सुनाएँ
अब तो गूँगे प्रश्न हुए !