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"कन्हैयालाल नंदन / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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==रचनाए==
 
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उनकी डेढ़ दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित जिनमें ‘लुकुआ का शाहनामा’,'घाट-घाट का पानी’,'अंतरंग’,नाट्य-परिवेश’,'आग के रंग’,'अमृता शेरगिल,’समय की दहलीज’,'ज़रिया-नजरिया’ और ‘गीत संचयन’ बहुचर्चित और प्रशंसित है। sahitya bharti se hindi ke shresth geeton ka sankalan sampadit kiya gaya hai
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उनकी डेढ़ दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित जिनमें ‘लुकुआ का शाहनामा’,'घाट-घाट का पानी’,'अंतरंग’,नाट्य-परिवेश’,'आग के रंग’,'अमृता शेरगिल,’समय की दहलीज’,'ज़रिया-नजरिया’ और ‘गीत संचयन’ बहुचर्चित और प्रशंसित है।  
 
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डाक्टर कन्हैयालाल नंदन अनेकानेक पुरस्कारों के साथ साहित्य में अवदान के लिये ‘परिवार-पुरस्कार’ से पुरस्कृत,’पद्मश्री’ से अलंकृत और नेहरू फेलोशिप से सम्मानित है।
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डाक्टर कन्हैयालाल नंदन अनेकानेक पुरस्कारों के साथ साहित्य में अवदान के लिये ‘परिवार-पुरस्कार’ से पुरस्कृत,’पद्मश्री’ से अलंकृत और नेहरू फेलोशिप से सम्मानित है। साहित्य अकादमी ने उनके द्वारा सम्पादित हिन्दी के श्रेष्ठ गीतों का एक संकलन प्रकाशित किया है ।

17:41, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण

जन्म

कन्हैयालाल नंदन (1 जुलाई, 1933) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और रचनाकार है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के एक गांव परसदेपुर में हुआ।

शिक्षा

उन्होने डी.ए.वी.कालेज, कानपुर से बी.ए, प्रयाग विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से एम.ए और भावनगर युनिवर्सिटी से पीएच.डी. की है।

जीवन

वे चार वर्षों तक बंबई विश्वविद्यालय, बंबई से संलग्न कालेजों में हिंदी-अध्यापन के बाद 1961 से 1972 तक टाइम्स आफ इंडिया प्रकाशन समूह के ‘धर्मयुग’ में सहायक संपादक रहे। 1972 से दिल्ली में क्रमश:’पराग’,'सारिका’ और दिनमान के संपादक रहे। तीन वर्ष दैनिक नवभारत टाइम्स में फीचर सम्पादन किया। छ: वर्ष तक हिंदी ‘संडे मेल’ में प्रधान संपादक रह चुकने के बाद 1995 से ‘इंडसइंड मीडिया’ में डायरेक्टर रहे।

रचनाए

उनकी डेढ़ दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित जिनमें ‘लुकुआ का शाहनामा’,'घाट-घाट का पानी’,'अंतरंग’,नाट्य-परिवेश’,'आग के रंग’,'अमृता शेरगिल,’समय की दहलीज’,'ज़रिया-नजरिया’ और ‘गीत संचयन’ बहुचर्चित और प्रशंसित है।

सम्मान

डाक्टर कन्हैयालाल नंदन अनेकानेक पुरस्कारों के साथ साहित्य में अवदान के लिये ‘परिवार-पुरस्कार’ से पुरस्कृत,’पद्मश्री’ से अलंकृत और नेहरू फेलोशिप से सम्मानित है। साहित्य अकादमी ने उनके द्वारा सम्पादित हिन्दी के श्रेष्ठ गीतों का एक संकलन प्रकाशित किया है ।