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Ek phul ke chah  Subhdra kumari chauhan  ki kavita

21:34, 10 जुलाई 2007 का अवतरण


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चंद्रबरदाई की एक कविता का अंश है यह, चाहें तो काव्य-कोश में फ़िलहाल इसे ही जोड़ सकते हैं ।

पूरब दिसी गढ़ गढ़्नपति,समुद्र सिषर अति दुग्ग

तहं सुर विजय सुर-राजपति,जादू कुलह अभग्ग

हसम ह्य्ग्ग्य देई अति, पति सायर भ्रज्जाद

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