भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पूर्णिमा का चाँद / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह | |संग्रह=कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKAnthologyChand}} |
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
चाँद निकला बादलों से पूर्णिमा का। | चाँद निकला बादलों से पूर्णिमा का। |
23:20, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
चाँद निकला बादलों से पूर्णिमा का।
गल रहा है आसमान।
एक दरिया उबलकर पीले गुलाबों का
चूमता है बादलों के झिलमिलाते
स्वप्न जैसे पाँव।