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"बेतवा किनारे-1 / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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बदली के बाद खिल पड़ी धूप
 
बदली के बाद खिल पड़ी धूप
 
 
बेतवा किनारे
 
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सलोनी सर्दी का निखरा है रूप
 
सलोनी सर्दी का निखरा है रूप
 
 
बेतवा किनारे
 
बेतवा किनारे
 
 
रग-रग में धड़कन, वाणी है चूप
 
रग-रग में धड़कन, वाणी है चूप
 
 
बेतवा किनारे
 
बेतवा किनारे
 
 
सब कुछ भरा-भरा, रंक है भूप
 
सब कुछ भरा-भरा, रंक है भूप
 
 
बेतवा किनारे
 
बेतवा किनारे
 
 
बदली के बाद खिल पड़ी धूप
 
बदली के बाद खिल पड़ी धूप
 
 
बेतवा किनारे
 
बेतवा किनारे
  
(1979 में रचित)
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'''(1979 में रचित)
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02:14, 9 मई 2009 के समय का अवतरण

बदली के बाद खिल पड़ी धूप
बेतवा किनारे
सलोनी सर्दी का निखरा है रूप
बेतवा किनारे
रग-रग में धड़कन, वाणी है चूप
बेतवा किनारे
सब कुछ भरा-भरा, रंक है भूप
बेतवा किनारे
बदली के बाद खिल पड़ी धूप
बेतवा किनारे

(1979 में रचित)