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"वह दिन / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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यह अहम हमारा हमें लड़ाए
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सावन की बारिश में निःस्वर
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डूब गया वह उदास दिन
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(2006 में रचित)

00:55, 24 जून 2007 का अवतरण


उचकी वह पंजों पर थोड़ा-सा

फिर मेरी ओर होंठ बढ़ाए

चूमा उसे मैं ने यों, ज्यों मारा कोड़ा-सा

यह अहम हमारा हमें लड़ाए


फिर झरने लगे आँसू वहाँ निरंतर

धुल गए बोझल से वे पल-छिन

सावन की बारिश में निःस्वर

डूब गया वह उदास दिन


(2006 में रचित)