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"एक चिड़िया उसके भीतर / पूरन मुद्गल" के अवतरणों में अंतर

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कैसे रहे होंगे वे हाथ
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जिन्होंने चिडि़या का चित्र बनाया
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बहुत बार उड़े होंगे/आकाश की ऊंचाईयों में
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कितनी बार सुनी होगी
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चिडि़या की चहक
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बच्चे की तुतली मिठास में
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और
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सारी उम्र किया होगा
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चिडि़या-सा घोंसला बनाने का जतन
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उड़ती
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चहकती
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तिनके चुनती
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घोंसला बनाती चिडि़या
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घोंसले से गिरते कुछ तिनके
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वह
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उठाता
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सहेजता
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और
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करता रहता
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चिडि़या-सा घोंसला बनाने का अभ्यास
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क्योंकि रोज आ बैठती
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एक चिडि़या उसके भीतर।
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23:03, 30 अप्रैल 2011 का अवतरण