भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पगडंडी / नरेश अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=नरेश अग्रवाल
 
|रचनाकार=नरेश अग्रवाल
|संग्रह=पगडंडी / नरेश
+
|संग्रह=पगडंडी पर पाँव / नरेश अग्रवाल
 
}}  
 
}}  
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}

09:06, 9 मई 2011 के समय का अवतरण

जहाँ से सड़क ख़त्म होती है
वहाँ से शुरू होता है
यह सँकरा रास्ता
बना है जो कई वर्षों में
पाँवों की ठोकरें खाने के बाद,
इस पर घास नहीं उगती
न ही होते हैं लैम्पपोस्ट
सिर्फ़ भरी होती है ख़ुशियाँ
लोगों के घर लौटने की !