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"अत्याचारियों की थकान / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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अत्याचार करने के बाद
 
अत्याचार करने के बाद
  

22:15, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

अत्याचार करने के बाद

अत्याचारी निगाह डालते हैं बच्चों पर

उठा लेते हैं उन्हें गोद में

अपने जीतने की कथा सुनाते हैं


कहते हैं

बच्चे कितने अच्छे हैं

हमारी तरह नहीं हैं वे अत्याचारी


बच्चॊं के पास आकर

थकान मिट जाती है उनकी

जो पैदा हुई थी करके अत्याचार ।


(रचनाकाल :1980)