भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चिकमंगलूर / निरंकार देव सेवक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
{{KKCatBaalKavita}} | {{KKCatBaalKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | एक शहर है चिकमंगलूर, | |
− | + | रहते वहाँ बहुत लँगूर । | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | एक बार जब मियाँ गफ़ूर, | |
− | + | खाने गए वहाँ अँगूर । | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | बिल्ली एक निकल आई, | |
− | + | वह तो थी उनकी ताई । | |
− | + | ||
− | + | टाँग पकड़कर पटकी दी, | |
+ | जय हो बिल्ली ताई की । | ||
</poem> | </poem> |
23:09, 27 मई 2011 के समय का अवतरण
एक शहर है चिकमंगलूर,
रहते वहाँ बहुत लँगूर ।
एक बार जब मियाँ गफ़ूर,
खाने गए वहाँ अँगूर ।
बिल्ली एक निकल आई,
वह तो थी उनकी ताई ।
टाँग पकड़कर पटकी दी,
जय हो बिल्ली ताई की ।