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"गुलमोहर / अलका सिन्हा" के अवतरणों में अंतर

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वृक्ष ने आवेश में भर लिया
 
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पत्तियों को
 
पत्तियों को
अपनी बलिष्ठ बांहों में
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अपनी बलिष्ठ बाँहों में
बेतरह।
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बेतरह ।
  
 
पत्तियाँ लजाईं,
 
पत्तियाँ लजाईं,

21:17, 28 मई 2011 के समय का अवतरण

वृक्ष ने आवेश में भर लिया
पत्तियों को
अपनी बलिष्ठ बाँहों में
बेतरह ।

पत्तियाँ लजाईं,
सकुचाईं
और हो गईं –
गुलमोहर ।