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"एलबम / पवन करण" के अवतरणों में अंतर

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एक अकेली वीरान औरत के पास
 
एक अकेली वीरान औरत के पास
 
 
जिसे हम बूढ़ी माँ कहकर बुलाते हैं
 
जिसे हम बूढ़ी माँ कहकर बुलाते हैं
 
 
एक अलबम है
 
एक अलबम है
 
  
 
उसके घर की तरह पुरानी, मैली
 
उसके घर की तरह पुरानी, मैली
 
 
और लगातार फटती जा रही है एलबम
 
और लगातार फटती जा रही है एलबम
 
 
जिसे वह यूँ ही किसी को नहीं दिखाती
 
जिसे वह यूँ ही किसी को नहीं दिखाती
 
 
रखती है सन्दूक में सँभालकर
 
रखती है सन्दूक में सँभालकर
 
  
 
मगर जब भी एलबम खुलती है
 
मगर जब भी एलबम खुलती है
 
 
वह निर्जन औरत खुलती है
 
वह निर्जन औरत खुलती है
 
 
खुलता है उसका भयावह सूनापन
 
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उस औरत का दिल सीने में नहीं
 
उस औरत का दिल सीने में नहीं
 
 
सन्दूक में बन्द एलबम में धड़कता है
 
सन्दूक में बन्द एलबम में धड़कता है
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20:36, 31 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

एक अकेली वीरान औरत के पास
जिसे हम बूढ़ी माँ कहकर बुलाते हैं
एक अलबम है

उसके घर की तरह पुरानी, मैली
और लगातार फटती जा रही है एलबम
जिसे वह यूँ ही किसी को नहीं दिखाती
रखती है सन्दूक में सँभालकर

मगर जब भी एलबम खुलती है
वह निर्जन औरत खुलती है
खुलता है उसका भयावह सूनापन

उस औरत का दिल सीने में नहीं
सन्दूक में बन्द एलबम में धड़कता है