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+ | सर-सरिता जलपान, सिसुनके सँग सुसेवक नाहीं || | ||
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+ | कौसिक परम कृपालु परमहित, समरथ, सुखद, सुचाली | | ||
+ | बालक सुठि सुकुमार सकोची, समुझि सोच मोहि आली || | ||
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+ | बचन सप्रेम सुमित्राके सुनि सब सनेह-बस रानी | | ||
+ | तुलसी आइ भरत तेहि औसर कही सुमङ्गल बानी || | ||
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16:34, 29 मई 2011 के समय का अवतरण
(101)
जबतें लै मुनि सङ्ग सिधाए |
राम लखनके समाचार, सखि तबतें कछुअ न पाए ||
बिनु पानही गमन, फल भोजन, भूमि सयन तरुछाहीं |
सर-सरिता जलपान, सिसुनके सँग सुसेवक नाहीं ||
कौसिक परम कृपालु परमहित, समरथ, सुखद, सुचाली |
बालक सुठि सुकुमार सकोची, समुझि सोच मोहि आली ||
बचन सप्रेम सुमित्राके सुनि सब सनेह-बस रानी |
तुलसी आइ भरत तेहि औसर कही सुमङ्गल बानी ||