भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ठुमरी-सी भैरवी की खुमारी शराब की / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=कुछ और गुलाब / गुलाब खंड…) |
Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
− | ठुमरी-सी भैरवी की | + | ठुमरी-सी भैरवी की ख़ुमारी शराब की |
− | दिल में है उनकी याद कि | + | दिल में है उनकी याद कि ख़ुशबू गुलाब की |
हम तो हरेक सवाल पे देते रहे हैं जान | हम तो हरेक सवाल पे देते रहे हैं जान | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
हम भी तो देखते कभी तड़पें जनाब की! | हम भी तो देखते कभी तड़पें जनाब की! | ||
− | उड़ने लगा है क्यों भला | + | उड़ने लगा है क्यों भला चेहरे का उनके रंग! |
दुहरा रहे थे हम तो कहानी किताब की | दुहरा रहे थे हम तो कहानी किताब की | ||
01:53, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
ठुमरी-सी भैरवी की ख़ुमारी शराब की
दिल में है उनकी याद कि ख़ुशबू गुलाब की
हम तो हरेक सवाल पे देते रहे हैं जान
अब क्यों रहे किसीको शिकायत जवाब की
कहते हैं लोग, 'आपके दिल में है हमसे प्यार'
हम भी तो देखते कभी तड़पें जनाब की!
उड़ने लगा है क्यों भला चेहरे का उनके रंग!
दुहरा रहे थे हम तो कहानी किताब की
हर एक नज़र के साथ महकते हैं सौ गुलाब
की बात जो भी आपने वह लाजवाब की