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"तुम मत घटाना / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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तुम घटाना मत
 
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अपना प्रेम
 
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जब लोग करने लगें
 
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उसका हिसाब ।
 
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ठगा हुआ पाओ
 
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अपने को
 
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अकेला
 
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एक दिन--
 
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तब भी नहीं ।
 
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मत घटाना
 
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अपना प्रेम ।
 
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बंद कर देगी तुमासे बोलना
 
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नहीं तो
 
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धरती यह चिड़िया यह घास यह--
 
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मुँह फेर लेगा आसमान ।
 
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नहीं, तुम घटाना नहीं
 
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अपना प्रेम ।
 
अपना प्रेम ।
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18:29, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

तुम घटाना मत
अपना प्रेम
तब भी नहीं
जब लोग करने लगें
उसका हिसाब ।

ठगा हुआ पाओ
अपने को
अकेला
एक दिन--
तब भी नहीं ।

मत घटाना
अपना प्रेम ।

बंद कर देगी तुमासे बोलना
नहीं तो
धरती यह चिड़िया यह घास यह--
मुँह फेर लेगा आसमान ।

नहीं, तुम घटाना नहीं
अपना प्रेम ।