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"नव वर्ष / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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रंगोली-सी सोहे
 
रंगोली-सी सोहे
 
सात सुरों से
 
सात सुरों से
सजा केशियो
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सजी बांसुरी 
 
जैसे तन-मन मोहे  
 
जैसे तन-मन मोहे  
  

15:20, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

चालक- पथ की
जीवन रथ की
लेकर नव भाषाएं
आया है
नव वर्ष हमारा
जागीं सब आशाएं

नये रंगों से
रंगी ज़िन्दगी
रंगोली-सी सोहे
सात सुरों से
सजी बांसुरी
जैसे तन-मन मोहे

चलो समय का
पहिया घूमा
बदलीं परिभाषाएं!

फूल-फूल में
प्रेम बढ़ेगा
महकेगी फुलवारी
धूप-चांदनी,
बरखे बरखा
लहकेगी हर क्यारी
 
झोली में
सबके फल होंगे-
पूरी अभिलाषाएं!