भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शहर में नींद / स्वप्निल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव |संग्रह=ईश्वर एक लाठी है }} इस शहर ...)
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव
 
|रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव
|संग्रह=ईश्वर एक लाठी है
+
|संग्रह=ईश्वर एक लाठी है / स्वप्निल श्रीवास्तव
 
}}
 
}}
  

08:26, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण


इस शहर में वह

एक नींद लेना चाहता है

जो उसके लिए मुश्किल काम है


क्या पता नींद लगे

और हत्यारे उसकी नींद में

प्रवेश कर जाएँ

वह सपनों की दुनिया में जाने से पहले

हो जाए हमेशा के लिए नींद से वंचित


यह शहर जो कभी

उसका अपना शहर था

दुश्मनों के हाथ पड़ गया है

इस स्वप्नविहीन शहर में

नींद एक वर्जित कल्पना है