भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तीसरी स्थिति / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>उनका मरता है …) |
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी | |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी |
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}}<poem>उनका मरता है | {{KKCatKavita}}<poem>उनका मरता है |
03:57, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
उनका मरता है
जांच बिठायी जाती है
खुद का मरता है
लाश बिछायी जाती है।
एक तीसरी स्थिति भी है
किसी का मरे चाहे कोई
बात तो बात
आह ! तक नहीं निकलती
उफ् करके चुप