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"फाइल की नीयति / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर
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04:01, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
देखो मत - देखता कौन है
सुनो मत - सुनता कौन है
समझो मत - समझता कौन है
न देखूं , न सुनू और न समझूं
मैं तो फाईल रखता हूँ
चलाता हूँ
चलने का पेट्रोल लगाता हूँ
देखो बिना पेट्रोल के फाइल चलेगी ?
सुनो बिना आटे के रोटी बनेगी !
समझों
आपकी फाइल
कैसे आगे
चलेगी
जब तुम केवल मुझसे मिलोगे
नेताओं के चक्कर में नहीं जाओगे
जाओगे तो कानून का चक्कर चलेगा
फिर केवल फाइल ही चलेगी
नियम कायदों में उलझेगी
स्वीकृति के लिए जाएगी
जब तुम केवल मुझसे मिलोगे
किसी के चक्कर में मत रहो
केवल लक्ष्मी की
सिफारिश कराओगे
तो फाइल चलेगी, नहीं
वह तो दौड़ेगी !