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"आईनों से रहित कमरा / मुत्तुलक्ष्मी" के अवतरणों में अंतर
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22:42, 30 सितम्बर 2011 का अवतरण
जहां भी जिस तरफ भी मुड़े
सामने से आनेवाले लोगो के अंदर
अपने ही सरिस कोई तत्व देखने से
मन मे उठे भय के कारण
मेरा दुबका कोई स्थान
आईनों से रहित कमरा
'फलां ही है' कह्कर
पह्चान कराने वाले
आईने से रहित कमरा
सदा की तरह् नहीं हू
किसी की तरह् नहीं हू
ना, ना, यो
अपने भीतर बुदबुदाते
मन्त्रों सॆ पूरित कमरा
सदा की तरह की किसी चीज कॊ
नकारतॆ हुए
बदलतॆ हुए
सजाया गया कमरा
कभी प्रवॆश करनॆ वालॆ व्यक्ति सॆ
कहती रहती हू
आईनो सॆ रहित
बदली हुई सजावट वाला है
मॆरा यह कमरा
वही मैं बॊल रही हू
और
सुन रही हू वही मैं |
अनुवाद- डॉ. एच. बालसुब्रहमण्यम