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"आँसू / अशोक अंजुम" के अवतरणों में अंतर

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तब से ही आबाद हैं आँसू
 
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मुझको उनके याद हैं आँसू
 
मुझको उनके याद हैं आँसू
  

00:11, 25 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

पीड़ा का अनुवाद हैं आँसू
एक मौन संवाद हैं आँसू

दर्द, दर्द बस दर्द ही नहीं
कभी-कभी आह्लाद हैं आँसू

जबसे प्रेम धरा पर आया
तब से ही आबाद हैं आँसू

अब तक दिल में है हलचल-सी
मुझको उनके याद हैं आँसू

कभी परिंदे कटे-परों के
और कभी सैयाद हैं आँसू

इनकी भाषा पढ़ना 'अंजुम'
मुफ़लिस की फ़रियाद हैं आँसू