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08:54, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
वे आँखों में
धीरे-धीरे
नींद आए
और फैले
समूची चेतना पर
निर्द्वन्द्व
कि हम
काबू आएंगे
लेकिन
हम नहीं आए ।