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"काज़िम जरवली" के अवतरणों में अंतर
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− | कभी हमने भी गेहूं की बाली मे महुए पिरोये थे !!!
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− | मेरे गाँव की यादें नशीली !
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− | जूही,
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− | चमेली !
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− | वो खट्टे, वो मीठे मेरे दिन,
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− | वो अमिया, वो बेरी !
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− | कभी गाँव के कोल्हु पर ताज़े गुड के लिये रोये थे !!
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− | कभी हमने भी........................... महुए पिरोये थे !!!
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− | कभी भैंस की पीठ पर,
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− | दूर तालाब पर !
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− | धान के हरे खेतो के बीच खोये थे !!
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− | कभी हमने भी.............महुए पिरोये थे !!!
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− | कच्ची दहरी के पीछे,
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− | खाई के नीचे !
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− | ठंडी रातो मे हम भी पयाल पर सोये थे !!
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− | कभी हमने भी............... महुए पिरोये थे !!!
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− | एक दिन हम जो जागे,
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− | गाँव से अपने भागे !
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− | सारे सपने ना जाने हमने कहाँ डुबोये थे !!
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− | कभी हमने भी गेहूं की बाली मे महुए पिरोये थे !!!
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16:25, 8 नवम्बर 2011 का अवतरण