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"मृत्यु-गंध / कुमार विकल" के अवतरणों में अंतर

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00:47, 27 फ़रवरी 2008 का अवतरण

मृत्यु-गंध कैसी होती है

यदि जानना चाहते हो

तो

मेरे पास आओ

बैठो

थोड़ी देर में जान जाओगे

मृत्यु-गंध कैसी होती है

वह एक ऎसी ख़ुश्बू है

जो लम्बे बालों वाली

एक औरत के ताज़ा धुले बालों से आती है

तब आप उस औरत का नाम याद करने

लगते हैं

लेकिन उसका कोई नाम नहीं

वह केवल अपने बाल खोलती है

और आप

हमेशा-हमेशा के लिए

उसके बालों की ख़ुश्बू में

विलीन हो जाते हैं

आप उस औरत को कभी देख नहीं सकते

जैसे आप मेरे पास बैठे हैं

और वह अपने

बाल खोल रही है ।