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"उस जल की / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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जल गया होगा ।
 
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11:11, 29 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

हरा हूँ तो पेड़ का हूँ
झरा तो हवा का हूँगा
मरा तो जला देगी आग
राख धरती हो जाएगी

याद तक नहीं आएगी
जिसकी कामना हूँ मैं
उस जल की—
जो मुझ में
जल गया होगा ।

7 अप्रैल 2009