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"नदिया की लहरें / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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लहरें
 
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अपना घर-वर छोड़ के
 
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मीठी यादें  
 
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तापस की  
 
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सीखा खुद जलते जाना  
 
सीखा खुद जलते जाना  
 
  
 
चाहा कब प्रतिदान  
 
चाहा कब प्रतिदान  

18:25, 11 मार्च 2012 का अवतरण

आईं हैं नदिया की
लहरें
अपना घर-वर छोड़ के

मीठी यादें
उदगम की
पानी में घुलती जातीं
सूरज की किरणें-कलियाँ
लहरों पर खिलती जातीं

वर्तमान के
होंठ चूमती
मुँह अतीत से मोड़ के!

बहती धारा में
हर पत्थर का भी
बहते जाना
प्यास बुझाना
तापस की
सीखा खुद जलते जाना

चाहा कब प्रतिदान
लहर ने
दरकी धरती जोड़ के?

मीलों लम्बा अभी सफ़र
साँसें हैं कुछ शेष बचीं
बाकी है उत्साह अभी
थोड़ी-सी है कमर लची

वरण करेंगी
कभी सिन्धु का
पूर्वाग्रह सब तोड़ के