{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ }}[[Category:हाइकु]]<poem>41प्यार का कर्ज़लगता कम परचुकता नहीं ।42ये स्कूली बच्चेबिन परों के पाखीउड़ते रहें।43चरण छूनानस-नस में जैसेप्रेम जगाना।44धरती जागीये अम्बर नहायाचाँद मुस्काया।45चुकाएँ कैसे ?जो भी तुमने दियाहमने लिया।46प्यारी दुनिया-अब जाना हमनेइसे सींचना ।47पढ़ें पहाड़ागाएँ मिलके गीतसच्चा संगीत ।48गले मिले थेसपना टूट गयाआँसू छलके49भीगीं पलकेंछूती गोरा मुखड़ातेरी अलकें50चिड़िया मिलीमुनिया की बिखरीदूधिया हँसी</poem>