भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चन्दनमन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
|विविध=मूल्य(सजिल्द) :160 | |विविध=मूल्य(सजिल्द) :160 | ||
}} | }} | ||
− | * [[चन्दनमन (भूमिका) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'|चन्दनमन में रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ ]] | + | *[[चन्दनमन (भूमिका) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'|चन्दनमन में रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ ]] |
− | + | ||
डॉ अर्पिता अग्रवाल के अनुसार रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु के हाइकु मानवीय और प्राकृतिक प्रेम के उच्छल प्रयास हैं. खिलखिलाए | डॉ अर्पिता अग्रवाल के अनुसार रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु के हाइकु मानवीय और प्राकृतिक प्रेम के उच्छल प्रयास हैं. खिलखिलाए | ||
पहाड़ी नदी जैसी | पहाड़ी नदी जैसी | ||
पंक्ति 23: | पंक्ति 22: | ||
तुतली बोली | तुतली बोली | ||
आरती में किसी ने | आरती में किसी ने | ||
− | + | मिसरी घोली .(पृष्ठ-77) | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + |
20:31, 16 अप्रैल 2012 का अवतरण
चन्दनमन
रचनाकार | सम्पादन- भावना कुँअर और रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |
---|---|
प्रकाशक | अयन प्रकाशन, 1/20 महरौली , ,नई दिल्ली–110030 |
वर्ष | 2011 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | हाइकु कविताएँ |
विधा | हाइकु |
पृष्ठ | 120 |
ISBN | 978-81-7408-462-0 |
विविध | मूल्य(सजिल्द) :160 |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
डॉ अर्पिता अग्रवाल के अनुसार रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु के हाइकु मानवीय और प्राकृतिक प्रेम के उच्छल प्रयास हैं. खिलखिलाए पहाड़ी नदी जैसी मेरी मुनिया’‘-(पृष्ठ-77) तुतली बोली आरती में किसी ने मिसरी घोली .(पृष्ठ-77)