भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हाइकु / भावना कुँअर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=भावना कुँअर | |रचनाकार=भावना कुँअर | ||
− | |संग्रह=हाइकु 2009 / | + | |संग्रह=हाइकु 2009 /गोपालदास "नीरज" |
}} | }} | ||
[[Category:हाइकु]] | [[Category:हाइकु]] |
12:45, 10 मई 2012 का अवतरण
1
दुल्हन झील
तारों की चूनर से
घूँघट काढ़े ।
2
लेटी थी धूप
सागर तट पर
प्यास बुझाने !
3
लिये बैठी
गुलाब की पाँखुरी
ओस की बूँद ।
4
घेरे हैं मुझे
उदासियों के घेरे
साँझ सवेरे ।
5
आसमान में
काले सर्प -सा धुआँ
फन फैलाए !
6
चिड़ियाँ गातीं
घण्टियाँ मन्दिर की
गीत सुनाती ।
7
है डिस्को यहाँ
छुए जो मन को वो
भजन कहाँ ?