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"एक बजे के बाद / व्लदीमिर मयकोव्स्की" के अवतरणों में अंतर

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सोई होगी तुम निश्चय ही
 
सोई होगी तुम निश्चय ही
 
अका<ref>वोल्गा की सहायक नदी</ref> जैसी
 
अका<ref>वोल्गा की सहायक नदी</ref> जैसी
जल्दी क्या है मैं न् जगाऊँगा तुमको
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जल्दी क्या है मैं जगाऊँगा तुमको
सर-दर्द न् दूँगा  
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सर-दर्द दूँगा  
तुरत-तार देकर के तुमको स्वपन न् कोई भंग करूँगा
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तुरत-तार देकर के तुमको स्वपन कोई भंग करूँगा
 
जैसा वे कहते हैं
 
जैसा वे कहते हैं
खत्म कहानी यहीं हो गई
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ख़त्म कहानी यहीं हो गई
 
नाव प्रेम की  
 
नाव प्रेम की  
 
जीवन-चट्टानों से टकरा कर चूर हो गई
 
जीवन-चट्टानों से टकरा कर चूर हो गई

22:24, 1 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

एक बज गया
सोई होगी तुम निश्चय ही
अका<ref>वोल्गा की सहायक नदी</ref> जैसी
जल्दी क्या है मैं न जगाऊँगा तुमको
सर-दर्द न दूँगा
तुरत-तार देकर के तुमको स्वपन न कोई भंग करूँगा
जैसा वे कहते हैं
ख़त्म कहानी यहीं हो गई
नाव प्रेम की
जीवन-चट्टानों से टकरा कर चूर हो गई
अब हम स्वतंत्र हैं
आपस के अपमान व्यथा आघातों की
नहीं ज़रूरत है कोई फहरिस्त बनाने की
देखो सारा जग शांत हुआ है तारों के उपहार तले
नभ को निशि ने सुला दिया है
ऐसे पहर जगा है कोई
युग इतिहास विश्व को
संबोधित करने को ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक

शब्दार्थ
<references/>