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"अर्थ जब खोने लगे / अनूप भार्गव" के अवतरणों में अंतर

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अर्थ जब खोने लगे
 
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शब्द भी रोने लगे ।
 
शब्द भी रोने लगे ।

21:17, 17 जुलाई 2012 के समय का अवतरण


अर्थ जब खोने लगे
शब्द भी रोने लगे ।

जब वो आदमकद हुए
सब उन्हें बौने लगे ।

ज़ख्म न देखे गये जब
अश्रू से धोने लगे ।

एक जज़्बा था अभी तक
आप तो छूने लगे ।

कब तलक ये ख्वाब देखूँ
वो मेरे होने लगे ।

कब कहानी मोड़ ले ले
आप तो सोने लगे ।