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+ | इन्सानों से इन्सानों तक एक सदा | ||
+ | क्या तातारी, क्या मंगोल, अल्लाह बोल | ||
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+ | शाख-ए-सहर पे महके फूल अज़ानों के | ||
+ | फेंक रजाई, आँखें खोल, अल्लाह बोल | ||
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11:51, 10 अप्रैल 2013 का अवतरण
किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल
रचनाकार: राहत इन्दौरी
किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल
अभी बदलता है माहौल, अल्लाह बोल
कैसे साथी, कैसे यार, सब मक्कार
सबकी नीयत डाँवाडोल, अल्लाह बोल
जैसा गाहक, वैसा माल, देकर ताल
कागज़ में अंगारे तोल, अल्लाह बोल
हर पत्थर के सामने रख दे आइना
नोच ले हर चेहरे का खोल, अल्लाह बोल
दलालों से नाता तोड़, सबको छोड़
भेज कमीनों पर लाहौल, अल्लाह बोल
इन्सानों से इन्सानों तक एक सदा
क्या तातारी, क्या मंगोल, अल्लाह बोल
शाख-ए-सहर पे महके फूल अज़ानों के
फेंक रजाई, आँखें खोल, अल्लाह बोल