भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गुड़िया-1 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया | |संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया | ||
}} | }} | ||
− | {{KKCatKavita}}<poem> | + | {{KKCatKavita}}<poem>जिस गुडिय़ा से था |
− | + | प्यार बचपन में | |
+ | वह कितना निष्पाप था | ||
− | + | उसे दिन-रात चूमना | |
− | + | बार-बार गले लगाना | |
− | + | कितना बेदाग था | |
− | + | ||
− | + | अब पाप में | |
+ | दाग गिन भी नहीं पाता! | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
</poem> | </poem> |
06:21, 16 मई 2013 के समय का अवतरण
जिस गुडिय़ा से था
प्यार बचपन में
वह कितना निष्पाप था
उसे दिन-रात चूमना
बार-बार गले लगाना
कितना बेदाग था
अब पाप में
दाग गिन भी नहीं पाता!