|संग्रह=अब भी वसंत को तुम्हारी जरूरत है / अनामिका
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बरसात का मतलब है
हो जाना दूर और अकेला।
उतरती है सांझ तक बारिश—
लुढ़कती-पुढ़कती, दूरस्थ—
सागर-तट या ऐसी चपटी जगहों से
चढ़ जाती है वापस जन्नत तक
जो इसका घर है पुराना।
बरसात का मतलब है<br>सिर्फ़ जन्नत छोड़ते वक़्त गिरती हैं बूंद-बूंद बारिश हो जाना दूर और अकेला।<br>शहर पर। उतरती है सांझ तक बारिश—<br>बरसती हैं बूंदें चहचहाते घंटों में लुढ़कती-पुढ़कती, दूरस्थ—<br>जब सड़कें अलस्सुबह की ओर करती हैं अपना चेहरा सागर-तट या ऐसी चपटी जगहों से<br>और दो शरीर चढ़ जाती है वापस जन्नत तक<br>लुढ़क जाते हैं जो इसका घर है पुराना।<br><br>कहीं भी हताश—
सिर्फ़ जन्नत छोड़ते वक़्त गिरती हैं बूंद-बूंद बारिश<br>शहर पर।<br>बरसती हैं बूंदें चहचहाते घंटों में<br>जब सड़कें अलस्सुबह की ओर करती हैं अपना चेहरा<br>और दो शरीर<br>लुढ़क जाते हैं<br>कहीं भी हताश—<br><br> दो लोग जो नफ़रत करते हैं<br>एक-दूसरे से<br>सोने को मजबूर होते हैं साथ-साथ।<br>यही वह जगह है<br>जहाँ<br>नदियों से हाथ मिलाता है<br>अकेलापन।<br/poem>