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"बन्दूक का गीत / पवन करण" के अवतरणों में अंतर
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18:16, 3 नवम्बर 2013 के समय का अवतरण
बन्दूक ले लर्इ बन्दूक ले लर्इ
हमनेउ यारो बन्दूक ले लर्इ
पहले हमेउं भौत अखरतो
कोउ कन्धा पे जब जाए धरतो
लम्बी दोबारी नालिन में जाकीं
सबके अँगारू गोलिन नें भरतो
बन्दूक गह लर्इ बन्दूक गह लर्इ
हाथन में हमनेउँ बंदूक गह लर्इ
नातन में जाते गोतन में जाते
चौकन में जाते मौतन में जाते
ब्याहन में जाते सगाइन में जाते
कन्धा हमारे सूने रह जाते
बहौत सह लर्इ बहौत सह लर्इ
जासे जुदार्इ बहौत सह लर्इ
जब से है आर्इ कन्धा पे छार्इ
हमें न भाए जाकी उतरार्इ
जाके बिना दे कैसें दिखार्इ
हमें न देत अब कोउ सुनार्इ
सुनसान रहलर्इ सुनसान रहलर्इ
बाखर हमारी सुनसान रहलर्इ