"फ़ूलों के रंग से / गोपालदास "नीरज"" के अवतरणों में अंतर
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फूलो के रंग से, दिल की कलम से तुझको लिखी रोज पाती. . | फूलो के रंग से, दिल की कलम से तुझको लिखी रोज पाती. . | ||
कैसे बताऊँ किस-किस तरह से पल-पल मुझे तू सताती. . | कैसे बताऊँ किस-किस तरह से पल-पल मुझे तू सताती. . | ||
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तेरे ही सपने ले कर के सोया. . तेरी ही यादो मे जागा. | तेरे ही सपने ले कर के सोया. . तेरी ही यादो मे जागा. | ||
तेरे खयालो मे उलझा रहा यूं जैसे कि माला मे धागा. . | तेरे खयालो मे उलझा रहा यूं जैसे कि माला मे धागा. . | ||
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बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. . | बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. . | ||
लेना होगा, जनम हमे कई-कई बार. . | लेना होगा, जनम हमे कई-कई बार. . | ||
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इतना मदिर इतना मधुर तेरा-मेरा प्यार. . | इतना मदिर इतना मधुर तेरा-मेरा प्यार. . | ||
लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. . | लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. . | ||
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साँसो की सरगम. . धड़कन की वीणा. . सपनों की गीतांजली तुम | साँसो की सरगम. . धड़कन की वीणा. . सपनों की गीतांजली तुम | ||
मन की गली मे महके जो हरदम ऐसी जूही की कली तुम. . | मन की गली मे महके जो हरदम ऐसी जूही की कली तुम. . | ||
छोटा सफर हो . . लम्बा सफर हो सूनी डगर हो या मेला. . | छोटा सफर हो . . लम्बा सफर हो सूनी डगर हो या मेला. . | ||
याद तू आये मन हो जाये भीड़ के बीच अकेला. . | याद तू आये मन हो जाये भीड़ के बीच अकेला. . | ||
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बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. . | बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. . | ||
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पूरब हो. . पश्चिम उत्तर हो दक्खिन तू हर जगह मुस्कुराये. . | पूरब हो. . पश्चिम उत्तर हो दक्खिन तू हर जगह मुस्कुराये. . | ||
जितना ही जाऊँ मैं दूर तुझसे | जितना ही जाऊँ मैं दूर तुझसे | ||
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आंधी ने रोका पानी ने टोका दुनिया ने हँसकर पुकारा | आंधी ने रोका पानी ने टोका दुनिया ने हँसकर पुकारा | ||
तस्वीर तेरी लेकिन लिये मैं कर आया सबसे किनारा. . | तस्वीर तेरी लेकिन लिये मैं कर आया सबसे किनारा. . | ||
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हाँ बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार | हाँ बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार | ||
लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. . | लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. . | ||
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13:11, 14 मार्च 2014 के समय का अवतरण
फूलो के रंग से, दिल की कलम से तुझको लिखी रोज पाती. .
कैसे बताऊँ किस-किस तरह से पल-पल मुझे तू सताती. .
तेरे ही सपने ले कर के सोया. . तेरी ही यादो मे जागा.
तेरे खयालो मे उलझा रहा यूं जैसे कि माला मे धागा. .
बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. .
लेना होगा, जनम हमे कई-कई बार. .
इतना मदिर इतना मधुर तेरा-मेरा प्यार. .
लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. .
साँसो की सरगम. . धड़कन की वीणा. . सपनों की गीतांजली तुम
मन की गली मे महके जो हरदम ऐसी जूही की कली तुम. .
छोटा सफर हो . . लम्बा सफर हो सूनी डगर हो या मेला. .
याद तू आये मन हो जाये भीड़ के बीच अकेला. .
बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार. .
पूरब हो. . पश्चिम उत्तर हो दक्खिन तू हर जगह मुस्कुराये. .
जितना ही जाऊँ मैं दूर तुझसे
उतनी ही तू पास आये. .
आंधी ने रोका पानी ने टोका दुनिया ने हँसकर पुकारा
तस्वीर तेरी लेकिन लिये मैं कर आया सबसे किनारा. .
हाँ बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमे कई-कई बार. .