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"चल खुसरो घर आपने / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर

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खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग।
 
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तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।।
 
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खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार।
 
खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार।

17:06, 17 मार्च 2014 के समय का अवतरण

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग।
तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।।

खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार।
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।।

खीर पकायी जतन से, चरखा दिया जला।
आया कुत्ता खा गया, तू बैठी ढोल बजा।।

गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस।
चल खुसरो घर आपने, सांझ भयी चहु देस।।

खुसरो मौला के रुठते, पीर के सरने जाय।
कहे खुसरो पीर के रुठते, मौला नहिं होत सहाय।।