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"अनुभव / ज़्यून तकामी" के अवतरणों में अंतर

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दर्पण में झाँका
 
दर्पण में झाँका
  
और बगीचे के हरेपन को
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सोचा कि देखूंगा
  
देखने की कोशिश की
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हरापन बाँस का
  
 
दर्पण में दिखाई दिया मुझे
 
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प्रतिबिम्ब आसमान का ।
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नीला प्रतिबिम्ब आकाश का ।
  
  
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अनुभव का यह प्रहार ।
 
अनुभव का यह प्रहार ।
 
 
दर्द से सिर
 

01:02, 29 नवम्बर 2007 का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ज्यून तकामी  » संग्रह: पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब
»  अनुभव

लेट कर जब मैंने

दर्पण में झाँका

सोचा कि देखूंगा

हरापन बाँस का

दर्पण में दिखाई दिया मुझे

नीला प्रतिबिम्ब आकाश का ।


ऎसा लगा अचानक

जैसे किसी ने

आँखों पर मेरी किया हो वार

बेहोश हो गया मैं

सिर चकराने लगा मेरा

कठोर था, बेहद कठोर

अनुभव का यह प्रहार ।