Changes

खिड़की / ज्यून तकामी

94 bytes added, 20:26, 7 जनवरी 2012
|संग्रह=पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब / ज्यून तकामी
}}
{{KKCatKavita‎}}
[[Category:जापानी भाषा]]
<poem>
खिड़की खोल जल्दी से
 
ओ लड़की!
कमरे में भरा है
 
सिगरेट का धुँआ
 
और बातों का शोर
 
खिड़की खोल, अरी लड़की!
 
मेरे दिल की ओर ।
 
मेरे दिल के कमरे में
 
अभी तक आए नहीं मेहमान
 
बन्द पड़ा है अभी तक वह
 
बहुत तेज़ घुटन है
 
मन है मेरा बेहद परेशान ।
 
ओ लड़की !
 
खुली रहने दे खिड़की
 
बस छोड़ दे ऎसे ही अब
देखने दे मुझे यह गूंगा नीला आसमान
 
बतियाने दे हरे पेड़ों से
 
ताकने दे नीरव सन्नाटे भरी शाम ।
 
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,146
edits