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06:44, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
सबद रोवै
-खोवै आपो
उण वेळा सुणै ईसर
सुरता नैं धीजो बंधावै
म्हारी भाखा भी
गणगौर बणी रुळै है गळियां
ईसर कठै सूं आवै
क्यूंकै
ईसर ही तो द्वंद् है
इण नाजोगी भाखा रो
सै सूं मोटो बंध है
ओ टूटै
तो पाप पुरबला
-भाखा धोवै।