Changes

रब अगर लापता नहीं होता।
झूठ ने इस कदर क़दर पिला दी मय,
पाँव पर सच खड़ा नहीं होता।
पेड़ यूँ ही हरा नहीं होता।
लूट लेते हैं लेता है फूल को काँटेकाँटा,
आज दुनिया में क्या नहीं होता।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits