|संग्रह=खिलखिलाहट / काका हाथरसी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>हमने पूछा-<br>‘अनेकता में एकता’<br>आप नारा लगाते हैं,<br>कृपया बताएँ इसके क्रियान्वयन-हेतु<br>आपने अब तक क्या किया ?’<br>वे बोले-<br>‘अभी तो इसके प्रथम चरण से गुज़र रहे हैं,<br>सर्वप्रथम अनेकता लाने का<br>
प्रयास कर रहे हैं।
</poem>