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"सावन का गीत / रमेश रंजक" के अवतरणों में अंतर
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धरती पर लहराएगा पानी | धरती पर लहराएगा पानी | ||
हवा करेगी अपनी मनमानी | हवा करेगी अपनी मनमानी | ||
− | + | कहीं बिजली चमकेगी । | |
− | + | हमारी नाव चलेगी ।। | |
गीत उठेंगे अँगड़ाई लेकर | गीत उठेंगे अँगड़ाई लेकर | ||
पतनाले बोलेंगे छरर-छरर | पतनाले बोलेंगे छरर-छरर | ||
− | + | धरा की प्यास बुझेगी । | |
− | + | हमारी नाव चलेगी ।। | |
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12:25, 18 अगस्त 2014 का अवतरण
बना आम की गुठली का बाजा
खोल दिया मौसम का दरवाज़ा
अब गली नदी बनेगी ।
हमारी नाव चलेगी ।।
धरती पर लहराएगा पानी
हवा करेगी अपनी मनमानी
कहीं बिजली चमकेगी ।
हमारी नाव चलेगी ।।
गीत उठेंगे अँगड़ाई लेकर
पतनाले बोलेंगे छरर-छरर
धरा की प्यास बुझेगी ।
हमारी नाव चलेगी ।।