"येव्गेनी येव्तुशेंको / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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16:25, 6 जुलाई 2015 के समय का अवतरण
1933 में रूस के साइबेरियाई ज़िले इर्कूत्सक के ‘ज़ीमा स्टेशन’ नाम के गाँव में जन्म। माँ मास्को के एक थियेटर में गायिका थीं और पिता भूगर्भ शास्त्री। स्कूली जीवन में कई बार स्कूल से निकाले गए। 1949 में पहली कविता का प्रकाशन। 1951 में मास्को स्थित ‘गोर्की लिटरेरी इंस्टीट्यूट से निकाल दिया गया। आज तक उच्च-शिक्षा की डिग्री से वंचित।
अब तक चार बार विवाहित। प्रसिद्ध रूसी कवयित्राी और अपनी सहपाठिनी बेला अख्मादुलीना से पहला विवाह किया। 1960 में गलीना लुकोनिना नामक एक स्त्री से दूसरा विवाह किया। तीसरी पत्नी जान बटलर ब्रिटिश मूल की थीं। इनसे येव्तुशेंको के दो पुत्र हुए -- साशा (अलेक्सान्दर) और अन्तोशा (अन्तानिन)। दस वर्ष तक साथ रहने के बाद जान ने भी येव्तुशेंको से तलाक लेकर दूसरा विवाह करलिया। 1987 में चौवन वर्षीय येव्तुशेंको ने तेईस वर्षीया मरीया (माशा) से विवाह किया। माशा ने भी कवि को दो पुत्र झेन्या (येव्गेनी) और मीत्या (दिमीत्रि) उपहारित किए। येव्तुशेंकों के अनुसार यह ‘सुखी होने और प्यार कर पाने की कोशिश थी आख़िरी’ और यह कोशिश सफल रही।
येव्तुशेंको की अब तक चौदह लम्बी कविताएँ व करीब पचास कविता संग्रह रूसी भाषा में प्रकाशित हो चुके हैं। 1980 से लेकर 2012 तक तीन बार उनकी समग्र कविताओं के संग्रह छपे हैं। 1980 में तीन खण्डों में और अगस्त, 2012 में सात खण्डों में। येव्तुशेंको ने दो उपन्यास लिखे हैं। दो फिल्मों की पटकथा लिखी है और दो फिल्मों का निर्देशन किया है। तीन फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया है। उनके द्वारा खींची गई तस्वीरों के दो एल्बम अब तक प्रकाशित हुए हैं। विश्व की 72 भाषाओं में उनकी कविताओं के अनुवाद हुए हैं। हिन्दी में उनका पहला संग्रह 1978 में ‘मालगोदाम’ शीर्षक से श्री महेन्द्रप्रकाश पाण्डेय ने मूल रूसी से अनुवाद किया था। 1982 में कवि राजा खुगशाल ने येव्तुशेंको की लम्बी कविता ‘ज़ीमा ज़ंक्शन’ का अंग्रेज़ी से अनुवाद किया।
1967 से 1981 तक सोवियत लेखक संघ की संचालन समिति के सदस्य। 1989 में सोवियत संसद के सदस्य बने। 1992 में सोवियत संघ के टूटने के बाद 1993 में अमरीका चले गए। तब से अब तक अमरीका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन। आजकल अमरीका के ओक्लाहोमा राज्य के टाल्सा नगर में रहकर अध्यापन कर रहे हैं। और वर्ष में पाँच माह रूस में आकर रहते हैं।