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"अपने खेत में / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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अपने खेत में हल चला रहा हूँ<br>
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अपने खेत में हल चला रहा हूँ
इन दिनों बुआई चल रही है<br>
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इर्द-गिर्द की घटनाएँ ही<br>
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इर्द-गिर्द की घटनाएँ ही
मेरे लिए बीज जुटाती हैं<br>
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मेरे लिए बीज जुटाती हैं
हाँ, बीज में घुन लगा हो तो<br>
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हाँ, बीज में घुन लगा हो तो
अंकुर कैसे निकलेंगे!<br>
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अंकुर कैसे निकलेंगे!
जाहिर है<br>
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बाजारू बीजों की<br>
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बाजारू बीजों की
निर्मम छँटाई करूँगा<br>
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निर्मम छँटाई करूँगा
खाद और उर्वरक और<br>
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खाद और उर्वरक और
सिंचाई के साधनों में भी<br>
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सिंचाई के साधनों में भी
पहले से जियादा ही<br>
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चौकसी बरतनी है<br>
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चौकसी बरतनी है
मकबूल फिदा हुसैन की<br>
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मकबूल फिदा हुसैन की
चौंकाऊ या बाजारू टेकनीक<br>
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चौंकाऊ या बाजारू टेकनीक
हमारी खेती को चौपट<br>
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कर देगी!<br>
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जी, आप<br>
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अपने रूमाल में<br>
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अपने रूमाल में
 
गाँठ बाँध लो, बिल्कुल!!
 
गाँठ बाँध लो, बिल्कुल!!
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22:02, 24 अक्टूबर 2009 का अवतरण

यहाँ पर कविता का कुछ अंश है | अगर आप के पास सम्पूर्ण कविता है तो कृपया उसे जोड़ दे |

अपने खेत में हल चला रहा हूँ
इन दिनों बुआई चल रही है
इर्द-गिर्द की घटनाएँ ही
मेरे लिए बीज जुटाती हैं
हाँ, बीज में घुन लगा हो तो
अंकुर कैसे निकलेंगे!
जाहिर है
बाजारू बीजों की
निर्मम छँटाई करूँगा
खाद और उर्वरक और
सिंचाई के साधनों में भी
पहले से जियादा ही
चौकसी बरतनी है
मकबूल फिदा हुसैन की
चौंकाऊ या बाजारू टेकनीक
हमारी खेती को चौपट
कर देगी!
जी, आप
अपने रूमाल में
गाँठ बाँध लो, बिल्कुल!!